बरस बरस इंद्र राजा
था बरसा म्हारो काज सारे
गाया वाली बेल तो पधारो पीर रामा
लिलो घोड़ो हिच करे
जेठ रा महीना मेह पवन गानो भाजे
पड़े रे तावडो भौम तपे
सात रे साईयारा नीर ये सुखाना
नवक्ंड में झनकार पड़े
आषाढ़ रे महीने में मेह अलख कर आसा
करसा थारी उबी बाट जोवे
धोरे धोरे मोढ़ जौ बाजरी
भेले भेले ज्वार बेल
सावन रा महीना में सुरंगो घनो गाजे
सूखा सरोवर फेर ये तारे
गगूर मोर पपिया घना बोले
आठूपोर आवाज़ करे
भद्रवा में भली कर आओ
मूसलाधारा मेह तो भरे
नदिया नाला आया रे चोगाना
गाया उबी हरियो घास चरे
हर्जी रे बेल रामपीर पधारिया
लीले घोड़े हिचकरे
हरी चरणे भाटी हरी बोलिया